"786" नंबर के बारे मैं आपने सुना ही होगा इस नंबर को बहुत ही ख़ास समझा जाता है ज्यादातर मुस्लिम समाज के लोग इसे बहुत ही ख़ास मानते है | इस नंबर का इस्लाम मैं भी बहुत महत्त्व बताया गया है | इस नंबर का महत्त्व सिर्फ मुस्लिम समाज मैं ही नहीं बल्कि हिन्दू समाज मैं भी बहुत बड़ा महत्त्व है | आपने ये नंबर नोटों पर भी देखा होगा और जिस व्यक्ति के पास इस नंबर का नोट होता है वो व्यक्ति उस नोट को बहुत संभाल के रखता है आपने ये सब अक्सर देखा ही होगा | ऐसा क्या महत्त्व है इस नंबर का कि लोग इस नंबर को इतना महत्त्व देते है आईये जानते है विस्तार से...
हिन्दू धर्म के अनुसार 786 नंबर के अंक 7 को ज्योतिष मैं केतु का नंबर माना गया है जो पुरुष तत्व और शरीर मैं वीर्य कि स्थिति दर्शाता है | 8 नंबर को शनि गृह का अंक माना गया है लेकिन शनि को नपुंशक गृह मैं शामिल किया जाता है और 6 अंक शुक्र गृह से सम्बंधित है जो बच्चे को जन्म देने वाली शक्ति स्त्री के सामान है | आम भाषा मैं अगर इन अंको के शब्दों के महत्त्व को समझे तो इनका अर्थ "शिव और शक्ति" को प्रकट करता है | इसलिए इस नंबर को हिन्दू धर्म मैं भी काफी महत्त्व दिया जाता है |
मुस्लिम धर्म के अनुसार 786 नंबर को ऊपरवाले खुदा का वरदान माना गया है इसीलिए मुसलमान लोग अपने हर शुभ कार्य मैं 786 नंबर को शामिल करना शुभ मानते है |
कहा जाता है कि अरबी या उर्दू मैं अल्लाह का नाम "बिसमिल्लाह-इर-रहमान-इर-रहीम" लिखे तो इसका योग 786 आता है | ये नंबर अल्लाह से जुड़ा हुआ है इसलिए इसे काफी पाक माना जाता है | इस्लाम धर्म मैं 86 नंबर को एकता, पवित्रता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है इसलिए ये नंबर ख़ास है |